किसी अदा या ,किसी बहाने से !
हम रहे लुटते ,एक जमाने से !!
हसरते-दिल थी ,सुकूने पाने की !
बाज आए ना ,वो मिटाने से !!
आज हम उसको ,बावफा कहते !
मगर वो रहे जात , दिखाने से !!
दर्दे-दिल ,हम तो छुपाते यारो !
आँख भर आयी ,पर छुपाने से !!
कैसे "फरीद" ख़ुशी में हो शरीक !
आँख रोती है , मुस्कराने से !!
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