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Sunday, 15 January 2012


आदमी के खून का ही आदमी प्यासा मिला,
गॉव से पहुंचा बाहर तो हर तरफ धोखा मिला,,

सेठ के बच्चे खिला कर घर जो पहुंची राम दीन,
अपना बच्चा सुबह से भूखा उसे रोता मिला,,

दे दिया नारा चलो स्कूल इस सरकार ने,
टाट, शिक्षक, श्याम पट स्कूल मे कुछ ना मिला,,

सुन के मेरी नौकरी मै उपरी इन्कम की बात,
लडकी वाले कह रहे है वर बहुत अच्छा मिला,,

हो रही हे खूब अब के नामजदगी इस लिये,
इस दफा प्रधान पद को एक बडा कोटा मिला,,

ऑन्धिया आई बुझाने दीप को मेरे मगर,
वो उन्हे जब भी मिला राहे खुदा जलता मिला ..

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