हादसा मुझ से बच कर निकल गया,
ग़मज़दा लेकिन वो मुझे कर गया,,
वक़्त ने गुजरना था गुज़र ही गया,
जाते जाते भी वो कमाल कर गया,,
वो भी कमाल था वक़्त का ही कि,
मैं किसी के दिल में था उतर गया,,
और ये भी कमाल है वक़्त का ही,
कि मैं उस ही दिल से उतर गया,,
वो रुतबा अपने बढ़ाने के वास्ते,
अपना हाथ मेरे सर पर धर गया,,
लौटा दी मैंने उसको उसकी अमानतें,
मगर मुझे वो दर-ब-दर कर गया,,
लब कहीं आरिज़ कहीं गेसू कहीं,
मेरा दोस्त मुझे बे क़दर कर गया ...
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