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Sunday, 15 January 2012


 कहूगा रात को सुबहा गजल सूना दूगां

कहूगा रात को सुबहा गजल सूना दूगां,
मै दिल का हाल उसे इस तरहा बता दूगां,,

सुकून दिन को मिलेगा ना रात मै उस को,

मै दिल चुराने की ऐसी उसे सजा दूगां,,

मिसाल देगा जमाना मेरी मोहब्बत की,
मै अपने प्यार को वो मर्तबा दिला दूगां,,

नजर बचा के जमाने से तुम चली आना,
मै कर के याद तुम्हे हिचकिया दिला दूगां,,

वो मेरे सामने आयेगी जब दुल्हन बनकर,
नजर का टीका उसे चूम कर लगा दूगां,,

वो मुझ को देख के "फरीद" मुस्कुरा देगे,
मै उस को देख के एक कहकहा लगा दूगां ...

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